Please enable javascript.Hridayaleeswarar Temple Thirunindravur Famous For Heart Problems Treatment,इस मंदिर में होती हैं हाई बीपी जैसी दिल की बिमारी ठीक, हजारों में आते हैं लोग, दर्शन से ठीक होती है समस्या - suffering from heart problems there is a temple near chennai called hridayaleeswarar - Navbharat Times

इस मंदिर में होती हैं हाई बीपी जैसी दिल की बिमारी ठीक, हजारों में आते हैं लोग, दर्शन से ठीक होती है समस्या

Authored by: सपना सिंह |नवभारतटाइम्स.कॉम

Hridayaleeswarar Temple in Thiruninravur: भारत में तमिलनाडु का हृदयलीश्वर मंदिर दिल की बीमारियों के लिए मशहूर है। मान्यता है कि यहां शिवजी के दर्शन से हाई बीपी, हार्ट ब्लॉकेज जैसी समस्याएं ठीक हो जाती हैं। हजारों श्रद्धालु यहां आस्था से आते हैं, खासतौर पर दिल की बीमारी से परेशान लोग।

suffering from heart problems there is a temple near chennai called hridayaleeswarar
wikimedia commons (फोटो- नवभारतटाइम्स.कॉम)
भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जिनकी अपनी एक अलग ही मान्यता है, कहीं दर्शन करने से आंख की समस्या ठीक होती है, जिसे नैनी देवी मंदिर के नाम से जानते हैं, तो कहीं दर्शन करने से डायबीटीज का इलाज होता है, जिसे वेन्नी करुंबेश्वर मंदिर के नाम से जानते हैं। अब इस लिस्ट में एक और मंदिर है जो सीधा दिल की बीमारी को ठीक करता है। ऐसी मान्यता है कि जिस भी व्यक्ति को हाई बीपी, हार्ट ब्लॉकेज, हार्ट से जुड़ी जो भी दिक्कत होती है, वो यहां शिव जी के दर्शन करने से ठीक हो जाती है। इन्फ्लुएंसर द टेम्पल गर्ल की एक वीडियो के मुताबिक इस मंदिर में दिल की बीमारी से जुड़े लोग हजारों की संख्या में आते हैं। अगर आप भी इस समस्या से झूझ रहे हैं, तो जाने से पहले जान लें इस मंदिर की क्या खासियत है।

दिल की बिमारी वाले मरीज आते हैं सोमवार

​इस मंदिर में भगवान शिव पश्चिम दिशा की ओर और माता दक्षिण दिशा की ओर अलग-अलग गर्भगृहों में विराजमान हैं। मंदिर का मुख्य शिखर "गजपृष्ठ" यानी हाथी की पीठ जैसी आकृति में बना है। प्रांगण में भगवान गणेश, भगवान सुब्रमण्यम अपनी पत्नियों वल्ली और देवसेना के साथ, चंडिकेश्वर, नटराज और नंदी देव के भी मंदिर यहां देखे जा सकते हैं। यहां सोमवार को खासतौर से दिल के रोगों से परेशान लोग आकर भगवान से प्रार्थना करते हैं।

मंदिर के नाम का मतलब और इतिहास

मंदिर के नाम का मतलब और इतिहास

जैसा कि हमने आपको बताया मंदिर का नाम हृदयालीश्वरर है, जिसका अपने शब्द में ही अर्थ है। मंदिर के नाम का मतलब है "दिल के भगवान" जहां भगवान शिव को पूजा जाता है। यहां भक्त दर्शन करते वक्त अपने साथ दूध और फूल लेकर आते हैं, और शिव जी को चढ़ाते हैं। मंदिर की भी अपनी एक अनोखी कहानी है, ऐसा बताया जाता है कि एक महान भक्त पूसालार नयनार शिवलिंग की पूजा किया करते थे, लेकिन दुखी थे कि उनके भगवान के लिए एक सही जगह नहीं मिल पा रही, वो चाहते भी थे कि भगवान के लिए एक मंदिर बने, लेकिन पैसे ना होने की वजह से उन्होंने अपने दिल में ही एक भव्य मंदिर बना लिया।
उन्होंने मंदिर की हर चीज की कल्पना की, जैसे बड़े-बड़े मंदिरों में होती है, भक्तों के लिए सुविधाएं, सजावट, हर चीज। ये मंदिर ऐसा था जैसे किसी राजा ने बनवाया हो। पूसालार ने यह सब एक दिन में नहीं किया। उन्होंने हर चीज को ध्यान से सोचा और रोज-रोज मंदिर का एक-एक हिस्सा अपने मन में बनाते गए। भगवान शिव उनकी इस भक्ति से प्रसन्न हुए, और फिर यहां एक मंदिर बनवाया गया जहां विधि-विधान के साथ शिवलिंग की स्थापना की गई। चूंकि भगवान शिव पूसलार के दिल (हृदय) में बसे हुए थे, इसलिए मंदिर का नाम "हृदयलीश्वरर" रखा गया।

सच्चे भक्त को मिली है मंदिर में जगह

सच्चे भक्त को मिली है मंदिर में जगह

भगवान शिव के भक्त पूसालार नयनार को इस मंदिर में भगवान शिव के साथ ही गर्भगृह (मुख्य मंदिर भाग) में जगह दी गई है। यहां जिन लोगों को दिल की बीमारी होती है, वे भगवान से ठीक होने की प्रार्थना करने आते हैं। चेन्नई, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर के कई जाने-माने हार्ट डॉक्टर भी यहां आते हैं और भगवान से अपने मरीजों की सलामती की दुआ करते हैं।

कहां है ये मंदिर और क्या है मंदिर का नाम

​अगर आप भी हार्ट प्रॉब्लम से काफी समय से लड़ रहे हैं, तो अपनी दवाइयों के साथ-साथ एक बार इस मंदिर में भी आएं, द टेम्पल गर्ल के मुताबिक इस मंदिर को लेकर विश्वास आपकी दिल की बीमारी को ठीक कर सकता है। उन्होंने बताया कि ये मंदिर चेन्नई में स्थित है, जिसे थिरुनीन्रवूर में स्थित हृदयालीश्वरर मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां लोग मानते हैं कि आस्था से इलाज मुमकिन है। उनके मुताबिक, मंदिर में दिल की बीमारी जैसे हाई बीपी, ब्लॉकेज या सर्जरी के बाद रिकवरी के लिए लोग भगवान से स्ट्रेंथ और आशीर्वाद मांगने आते हैं।

कितने बजे खुलता है और कैसे पहुंच सकते हैं यहां

कितने बजे खुलता है और कैसे पहुंच सकते हैं यहां

हृदयलीश्वर मंदिर सुबह 6:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और शाम 4:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है। यह मंदिर तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए आप चेन्नई से लोकल ट्रेन या बस ले सकते हैं। सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन तिरुवल्लूर है, वहां से ऑटो या टैक्सी लेकर मंदिर पहुंचा जा सकता है। चेन्नई से मंदिर लगभग 50 किलोमीटर दूर है, सफर आसान और आरामदायक है।



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सपना सिंह
लेखक के बारे में
सपना सिंह
सपना सिंह को मीडिया इंडस्ट्री में 8 साल से ज्यादा का अनुभव है। इनको न केवल डिजिटल में बल्कि प्रिंट मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है। सपना ने हेल्थ, ब्यूटी जैसे विषयों पर कई वर्षों तक लिखा है, लेकिन मौजूदा समय में ये NBT ट्रेवल सेक्शन को लीड कर रही हैं। उन्हें घूमना बड़ा पसंद है, पहाड़ों पर चढ़ना, कैंपिंग-हाइकिंग करना, हर वीकेंड रेस्तरां एक्सप्लोर करना उनकी हॉबी में आता है। यही कारण है उन्होंने पछले 3 सालों से ट्रेवलिंग को अपना एक शौक बना लिया है। अब वो अपने अनुभव और दुनियाभर की खूबसूरत जगहों को अपनी लिखावट के जरिए लोगों तक पहुंचाती हैं। उनका कहना है ‘घूमना ही जिंदगी का नाम है।... और पढ़ें
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